Solar System in Hindi – सौरमण्डल के ग्रह (Planets) से सम्बंधित महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान जानकारी
सौरमण्डल के पिण्ड | Bodies of the solar system
अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने प्राग सम्मेलन, 2006 में आकाशीय पिण्डों को तीन वर्ग में विभाजित किया
- परम्परागत ग्रह: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरूण तथा वरूण |
- बौने ग्रह (क्षुद्रग्रह): प्लूटो, चेरान, सेरस ।
- लघुपिण्ड: उपग्रह, धूमकेतु एवं अन्य पिण्ड
ग्रह (Planets):
सूर्य से निकले हुए पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा सूर्य से ही ऊष्मा व प्रकाश प्राप्त करते हैं, ग्रह कहलाते हैं। ग्रहों में गुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है और अपनी परिक्रमण कक्षा पाई जाती है।
पार्थिव ग्रह / आंतरिक ग्रह | बृहस्पतीय (जोवियन) या बाह्य ग्रह |
बुध | बृहस्पति |
शुक्र | शनि |
पृथ्वी | अरूण |
मंगल | वरुण |
सूर्य से बढ़ती दूरी के अनुसार ग्रहों का क्रम
1. बुध, 2. शुक्र, 3. पृथ्वी, 4. मंगल, 5. बृहस्पति, 6. शनि, 7. अरूण, 8. वरूण.
आकार के अनुसार (बड़े से छोटा) ग्रहों का क्रम
1. बृहस्पति 2. शनि, 3. अरूण 4. वरूण, 5. पृथ्वी, 6. शुक्र, 7 मंगल 8. बुध
बुध (Mercury)
- बुध सौरमंडल में सूर्य का निकटम ग्रह है सूर्य के करीब होने के कारण यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में लगाता है।
- आकार की दृष्टि से यह सबसे छोटा ग्रह है, जिसका कोई उपग्रह नहीं है।
- इसका कोई वायुमंडल नहीं है इसीलिए इसका तापान्तर अधिक पाया जाता है। दिन में सतह का तापमान 467 °C तथा रात में – 170°C रहता है।
- इस ग्रह पर कैलीरिस बेसिन पाया जाता है।
शुक्र (Venus)
- शुक्र का आकार लगभग पृथ्वी के समान है इसलिए इसे पृथ्वी की बहन ग्रह (Sister planet) कहते हैं।
- यह पृथ्वी के सबसे निकटतम ग्रह है, जिसका कोई उपग्रह नहीं है। इसे भोर का तारा या संध्या का तारा भी कहते हैं, क्योंकि सुबह के समय यह पूर्व दिशा में दिखता है तथा शाम के समय पश्चिम दिशा में दिखाई देता है।
- यह सर्वाधिक गर्म ग्रह है (480°C) तथा सौर ऊर्जा का सर्वाधिक परावर्तन करने के कारण यह सबसे चमकीला ग्रह है।
- इसका परिक्रमण पूर्व से पश्चिम दिशा में है।
- इसका सर्वोच्च बिन्दु मैक्सवेल है, जो बीटा माउटेंन पर स्थित है।
पृथ्वी (Earth)
- पृथ्वी, सूर्य का तीसरा निकटम ग्रह है। आंतरिक ग्रहों में यह सबसे बड़ा ग्रह है।
- पृथ्वी सौरमंडल का एक मात्र ग्रह है, जिस पर जीवन पाया जाता है।
- जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह भी कहते हैं। 10 10 → इसका अक्षीय झुकाव 23½ तथा कक्षीय झुकाव 66½ है।
- सूर्य के बाद पृथ्वी से निकटम तारा प्रोक्सिमा सेन्चुरी है (4.28 प्रकाश वर्ष)।
- इसका एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है।
मंगल (Mars)
- मंगल को लाल ग्रह (Red Planet) कहते हैं, क्योंकि इसकी सतह पर लौह ऑक्साइड पाया जाता है, जिससे इसका रंग लाल हो गया है।
- मंगल के दो ध्रुव हैं और वहाँ भी पृथ्वी की तरह ऋतु परिवर्तन होता है। ऐसा पृथ्वी की तरह मंगल की धुरी झुकी होने के कारण होता है।
- मंगल के दो उपग्रह है- फोबोस एवं डेमोस ।
- निक्स ओलम्पिया एक पर्वत है, जो माउण्ड एवरेस्ट से तीन गुना ऊँचा है तथा ओलिपस मेसी ज्वालामुखी है, जो सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी है।
बृहस्पति (Jupiter)
सी ऑफ टॅक्विलिटी चन्द्रमा का वह स्थान जहाँ अमेरिकी अंतरिक्ष यान अपोलो-11 उतरा था।
- आकार की दृष्टि से यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
- यह गैसों से निर्मित ग्रह है और इसके वायुमंडल में मुख्यतः हाइड्रोजन एवं हीलियम पाई जाती है। बृहस्पति से रेडियो तंरगें प्रसारित होती है।
- इसके 79 उपग्रह है, जिनमें गैनीमीड सबसे बड़ा उपग्रह है।
- इस ग्रह पर एक विशाल गड्ढा है, जिसमें आग की लपटें निकलती रहती है, जिससे यह विशाल लाल धब्बा जैसा दिखाई देता है।
जरूर पढ़ें:- बृहस्पति ग्रह की खोज की किसने की? | Who discovered the planet Jupiter?
शनि (Saturn)
- यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- इसके चारों ओर वलय (Rings) पाए जाते हैं, जिनकी संख्या 7 है।
- शनि के 82 उपग्रह हैं, जिनमें टाइटन सबसे बड़ा उपग्रह है।
- शनि तीव्रगति से घूमने के कारण सौरमण्डल का सबसे चपटा ग्रह है।
- यह आकाश में पीले तारे की तरह नजर आता है।
अरूण (Uranus)
- अरूण पर मीथेन गैस की अधिकता है, जिसके कारण यह हरा रंग का दिखाई देता है।
- यह पूर्व से पश्चिम दिशा में घूमता है, इसलिए यहाँ सूर्योदय पश्चिम में तथा सूर्यास्त पूर्व में होता है।
- अरूण के चारों ओर छल्ले पाए जाते हैं जिनमें प्रमुख हैं- अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा व इप्सिलॉन ।
- अरूण अपनी धुरी पर सूर्य की ओर अधिक झुकाव के कारण लेटा हुआ प्रतीत होता है, इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है
- टाईटेनिया अरूण का सबसे बड़ा उपग्रह है।
वरूण (Neptune)
- सूर्य से अधिकतम दूरी पर स्थित होने के कारण वरूण सबसे ठंडा ग्रह है।
- इसके 14 उपग्रह हैं। इसका उपग्रह ट्राईटन चन्द्रमा से बड़ा है।
- वरूण का सबसे छोटा उपग्रह नेय्याद है।
- इस ग्रह का रंग हल्का पीला है।
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चन्द्रमा (Moon)
54 सेलेनोलाजी (Selenology): यह विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें चन्द्रमा की आंतरिक स्थिति व उसकी सतह का अध्ययन किया जाता है।
शांत सागर: यह चन्द्रमा का पिछला व अंधकारपूर्ण भाग है, जो एक तरह का धूल का मैदान है।
चन्द्रमा को जीवाश्म ग्रह (Fossil planet) भी कहा जाता है, क्योंकि यह पृथ्वी की तरह लगभग 460 करोड़ वर्ष आयु का है।
इसका सर्वोच्च शिखर लिबनीट्ज पर्वत (10,668 मी.) है। पृथ्वी से चन्द्रमा का केवल 59% भाग ही दिखाई देता है।
अपभू (Apogee): चन्द्रमा जब अपनी कक्षा में पृथ्वी से अत्यधिक दूरी पर होता है, तो उस स्थिति को अपभू कहते हैं, जो कि 4,06,699 किमी होता है।
उपभू (Perigee): चन्द्रमा जब अपनी कक्षा में पृथ्वी से न्यूनतम दूरी (3,56,399 किमी) पर होता है, तो उसे उपभू कहते हैं।
जब चन्द्रमा का प्रकाशित भाग प्रतिदिन बढ़ता जाता है तो वह शुक्ल पक्ष होता है। जब चन्द्रमा का प्रकाशित भाग घटता रहता है तो वह कृष्ण पक्ष कहलाता है। चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं पाया जाता है।
चन्द्रमा : तथ्य
पृथ्वी से औसत दूरी | 3,84,365 किमी |
व्यास | 3473 किमी |
पृथ्वी के संदर्भ में द्रव्यमान | 1/81 |
यम (Pluto)
अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) के प्राग (चेक गणराज्य) सम्मेलन 2006 में प्लूटो को सौरमंडल से बाहर का ग्रह माना गया है। इसमें ग्रह के लिए नई परिभाषा दी गई, जिसमें ये कहा गया कि वे आकाशीय पिंड ही सौरमण्डल के ग्रह माने जाएगें, जो अपनी निश्चित कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा अन्य ग्रहों की कक्षा का परिक्रमण नहीं करते हैं। यूरेनस की कक्षा का अतिक्रमण करने के कारण नई परिभाषा के आधार पर प्लूटो को सौरमंडल के ग्रहों से बाहर किया गया।
ध्रुवतारा (Pole star)
प्राचीन काल में लोग तारे को देखकर दिशा का ज्ञान प्राप्त करते थे। ध्रुवतारा एक तारा है जो ठीक पृथ्वी के उत्तर में है। यह बताना कठिन है कि ध्रुवतारा पृथ्वी से कितना गुना बड़ा है। ध्रुवतारा की दूरी पृथ्वी से 47 प्रकाश वर्ष है।
सप्तर्षि (Great Bear)
सप्तर्षि सात तारों का समूह है। यह आकाश में उत्तर की ओर दिखाई देता है। इन सात तारों के नाम हैं-
(1) ऋतु (2) पुलह (3) पुलस्य (4) क्षत्रि (5) अंगिका (6) वशिष्ठ (7) मरीचि ।
डाप्लर प्रभाव (Doppler’s Effect)
जब हम किसी रेल पटरी के पास खड़े होते हैं और सीटी बजाता हुआ रेल इंजन गुजरता है तो हम पाते हैं कि जब इंजन (ध्वनि स्त्रोत) हमारी ओर आता है तो सीटी की आवाज अधिक तीक्ष्ण मालूम पड़ती है अर्थात् ध्वनि की आभासी आवृत्ति (apparent frequency) बढ़ी हुई प्रतीत होती है और जब इंजन हमसे दूर जाता है तो सीटी की आवाज कम तीक्ष्ण मालूम पड़ती है। अर्थात् ध्वनि की आभासी आवृत्ति घटी हुई मालूम पड़ती है।
अतः जब कभी ध्वनि स्त्रोत और श्रोता (प्रेक्षक) के बीच आपेक्षिक गति होती है तो ध्वनि की आवृत्ति में आभासी परिवर्तन होता है। इस घटना को डॉप्लर प्रभाव कहते हैं।
सौरमंडल में पृथ्वी का स्थान | Earth’s place in the solar system
- टॉलेमी का मानना था कि पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केन्द्र बिन्दु है तथा सूर्य एवं अन्य ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं।
- पोलैंड के खगोलविद कापरनिकेस, 1543 में इस मत को परिवर्तित कर यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि सूर्य ब्रह्माण्ड के केन्द्र में है। उन्होंने सौरमंडल की भी खोज की। सूर्य केन्द्रित परिकल्पना के अनुसार आकाशीय पिण्ड सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। इन्हें ग्रह कहते हैं।
- जोहानस केपलर ने ग्रहों के गति संबंधी नियमों का प्रतिपादन किया।
क्षुद्र ग्रह (Asteroids)
क्षुद्र ग्रहों की बेल्ट मंगल और बृहस्पति के बीच पड़ती है। इन्हें अवान्तर ग्रह भी कहते हैं, जो अन्य ग्रहों की भांति सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह सेरेस है, जो 1032 किमी तक फैला है। इसे गिसेप्पे पियाजी ने खोजा था। एरिस (जेना) एवं वेस्टा अन्य क्षुद्र ग्रह हैं।
धूमकेतु (Comets)
आकाशीय धूल, गैसों व हिमकणों से निर्मित पिंड जो अनियमित कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करते है, धूमकेतु या पुच्छल तारे कहलाते हैं। सामान्यतः ये पूँछ रहित होते हैं, किन्तु जैसे ही वे सूर्य के निकट आते हैं, सूर्य की गर्मी के कारण इनकी बाहरी परत पिघलकर गैसों में परिवर्तित हो जाती है और चमकीली पूँछ के समान दिखाई देती है। सर्वाधिक प्रसिद्ध धूमकेतु हेली है जिसका आवर्तकाल 76 वर्ष है। 1994 में शूभेकर लेवी 9 बृहस्पति से टकराया था। टेंपल-1. हेलबोप, ऐकी कुछ अन्य प्रमुख धूमकेतु हैं।
उल्का एवं उल्कापिंड (Meteors and Meteorites )
उल्का धूल एवं गैस से निर्मित लघुपिंड हैं जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी की ओर आते हैं, और वायुमंडलीय घर्षण के कारण जल कर नष्ट हो जाते हैं। जो पिंड पूर्णतः नष्ट नहीं होते, चट्टानों के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं। इन्हें उल्काश्म (Shooting Stars) कहते हैं। बड़े उल्काश्मों को उल्कापिंड कहते हैं।
ग्रहों से संबंधित तथ्य
ग्रह | उपग्रह | व्यास (किमी.) | परिभ्रमण समय (दिन /घंटा) | परिक्रमण समय (दिन/वर्ष) | सूर्य से मध्यमान दूरी (लाख किमी) |
बुध | 0 | 4878 | 58.6 दिन | 88 दिन | 580 |
शुक्र | 0 | 12,104 | 243 दिन | 224.7 दिन | 1075 |
पृथ्वी | 1 | 12,756-12,714 | 23.9 घंटे | 365.26 दिन | 1498 |
मंगल | 2 | 6796 | 24.6 घंटे | 687 दिन | 2256 |
बृहस्पति | 79 | 1,42,984 | 9.9 घंटे | 11.9 वर्ष | 7728 |
शनि | 82 | 1,20,536 | 10.3 घंटे | 29.5 वर्ष | 14176 |
अरूण | 27 | 51,118 | 17.2 घंटे | 84.0 वर्ष | 28528 |
वरुण | 14 | 49,100 | 17.1 घंटे | 164.8 वर्ष | 44980 |
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