CSS(Cascading Style Sheet) Kya hai in Hindi

CSS Kya hai?

What is CSS in Hindi

CSS का पूरा नाम है cascading style sheet. एक webpage को बनाने के तकनीक के पीछे HTML और CSS का बहुत बड़ा हाथ है. HTML के इस्तेमाल से webpage को एक आकार मिलता है और CSS के इस्तेमाल से webpage को एक नया और आकर्षक रूप मिलता है. HTML और CSS हमेसा साथ में ही इस्तेमाल किये जाते हैं.

HTML और CSS एक computer language है जो की बहुत सरल है और जिसे आसानी से सिखा जा सकता है. html और css के code को लिखने के लिए हमे एक text editor की जरुरत होती है जैसे की Notepad. इन codes को लिख लेने के बाद इसे internet के द्वारा देखने के लिए एक web browser की जरुरत होती है.

HTML में बहुत से tag का इस्तेमाल किया जाता है जैसे header tag (h1-h6), font tag font tag(font), table tag (table,tr,td,th,tbody tag) , image tag (img) etc. इन सभी tags को browser में और भी अच्छी तरह से दिखाने के लिए css का साथ में इस्तेमाल किया जाता है.

CSS के इस्तेमाल से हम webpage के text को अच्छे रंग में दिखा सकते हैं, fonts के styles और paragraph के बिच के space को control कर सकते हैं, background के images को और background में कौनसे रंग के इस्तेमाल से webpage को अच्छा look मिलेगा ये सभी चीजों को set करने के लिए css का इस्तेमाल किया जाता है. css html के document पूरी तरह से नया रूप दे देता है जिससे users ज्यादा आकर्षित होते हैं.

Advantage of CSS(CSS के लाभ)

चलिए जानते हैं की CSS के क्या क्या फायेदे होते हैं :-

  1. CSS वक़्त बचाता है:–

    एक html के webpage में use किये गए style को हम दुसरे बहुत सारे web page में इस्तेमाल कर सकते हैं वो भी css के code को सिर्फ एक बार लिख कर. हमे अलग अलग web page को बनाने के लिए बार बार css का code लिखना नहीं पड़ेगा. और सिर्फ एक ही बार लिखे हुए css code का हम इस्तेमाल करके जितने चाहे उतने web pages बना सकते हैं, जिसमे हमारा काफी वक़्त बच जाता है.

  2. Time Saving और पेज जल्द load करता है:-

    अगर हम css का इस्तेमाल करते हैं तो हमे html के tag के attributes को बार बार लिखने की जरुरत नहीं पड़ती. बस एक बार css के rule के हिसाब से tag के attributes को लिख कर web page में apply कर देने से वो tag हर जगह सही रूप से दिखने लगेगा. इसलिए tag को web page में अलग अलग जगह पर दिखने के लिए बार बार एक ही code को लिखना नहीं पड़ेगा, और कम code होंगे तो web page browser में जल्दी load होगा.

  3. Maintain करने में आसान:–

    web page के style को पूरी तरह बदलने के लिए बस एक बार css के style के code को बदलने से html में use हुए सभी elements अपने आप ही एक साथ बदल जायेंगे और एक एक करके सभी elements को बदलने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

  4. Platform independent है:–

    platform independent का मतलब है की css का इस्तेमाल हम किसी भी platform में कर सकते हैं जैसे windows, linux, macintosh etc. और ये सभी latest browser को भी support करता है.

अगर आज की पोस्ट अच्छी लगी हो तो Comment करके जरूर बताइये दोस्तों.

JQuery Kya in hindi

jQuery एक JavaScript library होता है जो की allow करता है web developers को extra functionality add करने के लिए उनके websites में. यह एक open-source होता है और ये Free में प्रदान किया जाता है MIT license के under में.

अभी कुछ वर्षों में, jQuery एक बहुत ही popular JavaScript library बनकर उभरा है जिसे की web development में इस्तमाल किया जाता है.

jQuery को implement करने के लिए, एक web developer को simply करना होता है reference इस jQuery JavaScript file को HTML में एक webpage के. कुछ websites host करती हैं उनकी खुदकी local copy jQuery की, वहीँ दुसरे simply reference करते हैं उस library को जिसे की host किया जाता है Google या jQuery server के द्वारा.

उदाहरण के लिए, एक webpage आसानी से jQuery library को लोड कर सकती है नीचे लिखी line के द्वारा, लेकिन इसे लिखा जाता है HTML के (head )section में कुछ इस तरह से :

(script type="text/javascript" src="//ajax.googleapis.com/ajax/libs/jquery/1.9.1/jquery.min.js">/script)

एक बार jQuery library को load कर दिया जाता है, फिर एक webpage कितनी भी बार call कर सकती है Query function को जिसे की support किया जाता है library के द्वारा.

साधारण उदाहरण में शामिल हैं modifying text, processing form data, moving elements एक page में, और performing animations. jQuery आसानी से काम कर सकता है Ajax code और scripting languages के साथ, जैसे की PHP और ASP जिससे की वो data access कर सकें एक database से.

चूँकि jQuery run करती है client-side में (न की web server में), इसलिए ये information को update कर सकती हैं एक webpage वो भी realtime में, जिसमें page को reloading करने की भी जरुरत नहीं होती है.

एक बहुत ही common example है “autocomplete,” जिसमें एक search form automatically ही display करने लगती है common searches को जैसे ही आप type करते हैं आपके query को.

बहुत ही कठिन है की वो एक website को एक जैसा ही appear करा सके सभी browsers में. इसलिए प्रत्येक browser के लिए custom functions लिखने के स्थान पर, एक web developer इस्तमाल कर सकता है एक single jQuery function की जो की काम करेगा सभी browsers में जैसे की Chrome, Safari, Firefox, और Internet Explorer में.

What is jQuery Events Method in Hindi

jQuery Events के जरिये आप अपने web page को इस तरह create कर सकते हो की, जब भी कोइ user action perform करे तो उसके अनुसार web page में changes हों।

Events का main काम page को interactive और dynamic बनाना होता है। जब भी visiters कोइ action perform करता है और web page उसका reply करता है तो उसे events कहते हैं। उदाहरण के लिए events का use कहाँ- कहाँ हो सकता है:

  • जब भी आप mouse को उस element के उपर जाते हो तो web pages में changes आते हैं।
  • अगर आप किसी element पर click करते हो तब web page में changes आते हैं।
  • जब भी आप keyboard में किसी key को press करते हैं तब भी events का use किया जाता है।
  • Common DOM Events in jQuery

    अब हमं कुछ common DOM Events के बारे में जान लेते हैं:

    Keyword Events

    • keypress – जब भी आप keyboard की key को press करोगे तब Event perform होगा।
    • keydown – जैसे ही आप key को down करोगे वैसे ही event perform हो जाएगा।
    • keyup – आप जैसे ही key को release करोगे तब event perform हो जाएगा।

    Mouse Events

    • click – जब आप किसी element पर mouse से click करोगे तब Event perform होगा।
    • dblclick – जब आप किसी element पर mouse से double click करोगे तब Event perform होगा।
    • mouseleave – जैसे ही आप mouse के curser को element से leave करोगे तब event perform होगा।
    • mouseenter – जैसे ही आप mouse के curser को element में enter करोगे तब event perform होगा।

    Form Events

    • focus – जब भी आप किस element पर click करोगे तो वही element आपको अलग दिखेगा।
    • blur – यह तभी होगा जब उस element से आपका focus हट जाएगा।
    • change – इस event के जरिये आप जब भी value को change करोगे तब web page में कुछ बदलाव आएगा।
    • Submit – जब भी आप किसी form को submit करोगे तब यह event perform होगा।

    Window Events

    • scroll – जब भी आप element को scroll करोगे तब यह event perform होगा
    • load – इसके जरिये आप data को server से load कर सकते हो और element में put कर सकते हो।
    • unload – इस event के जरिये आप decide कर सकते हो की जो event load नहीं हुआ है उसका क्या करना है।
    • resize – यह event तभी apply होगा जब आप browser की window का size change करोगे।

    Bootstrap Kya hai In hindi

    Bootstrap एक open-source सबसे लोकप्रिय HTML, CSS और JS framework है, जो responsive, mobile first websites को विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

    यह आसान और तेज़ web development के लिए उपयोग किया जाने वाला front-end framework है. इसमें HTML, CSS और JavaScript में लिखे गए reusable code का एक विशाल collection है. जो आपको बहुत CSS code लिखने से बचाता है, और आपको webpages designing में अधिक समय मिलता है.

    > Bootstrap का सबसे नया संस्करण (Latest Version) है; Bootstrap 5.

    यह वर्तमान में GitHub पर Host किया गया है और इसे getbootstrap.com से Free में download कर सकते हैं.

    इसमें grid system, pre-built components और plugins है, जो jQuery के साथ बनाया गया है. JQuery के बिना, cross-browser compatibility संभव नहीं होगी. इसलिए यह Chrome, Firefox, Internet Explorer, Safari और Opera आदि जैसे अधिकांश browser पर compatible है.

    वेबसाइट और एप्लिकेशन जो Bootstrap का उपयोग करके बनाया जाता है वह, iOS और Android के साथ compatible होते हैं.

    History of Bootstrap in Hindi

    Bootstrap को Mark Otto और Jacob Thornton द्वारा विकसित किया गया था. इसे 2010 के मध्य में Twitter के लिए बनाया गया था. Open-sourced framework से पहले, बूटस्ट्रैप को “Twitter Blueprint” के रूप में जाना जाता था.

    शुरुआत में, इस framework को सिर्फ आंतरिक उपकरणों के लिए support के ढांचे के रूप में बनाया गया था. वास्तविक developer के साथ, और कुछ सहयोगियों ने Twitter के “Hack Week” में इस project में योगदान दिया.

    Bootstrap को 19 August, 2011 को एक open-source project के रूप में GitHub पर पेश किया गया था और जून 2014 में Bootstrap GitHub पर नंबर 1 project था.

    Feature of Bootstrap in hindi

      Easy to Use

      Beginner’s के लिए इसे समझना और इस्तेमाल करना बहुत आसान है. HTML और CSS का बुनियादी ज्ञान रखने वाला कोई भी व्यक्ति बूटस्ट्रैप का उपयोग कर सकता है. आरंभ करना आसान होने के साथ संभवतः पहला गुण है जो Bootstrap को बहुत आकर्षक बनाता है.

      Easily Customizable

      Bootstrap responsive 12-column grids, layouts, और components में design होने के बावजूद, customize करना भी बहुत आसान है. आप सिर्फ कुछ बदलाव करके grid को fix या responsive बना सकते हैं. CPU-based और mobile-based browser grids में columns की Offsetting और nesting करना भी आसान है.

      Utilities

      Utilities बूटस्ट्रैप का एक हिस्सा है जो CSS styling के लिए जिम्मेदार है. CSS primary component है जिसे आपको customization के लिए उपयोग करना है. इस्तेमाल होने वाले सबसे उपयोगी Utilities हैं|

    • Color
    • Border
    • Positioning
    • Text
    • Display
    • Flex
    • Padding
    • Margin
    • Components

      Bootstrap के कई components हैं. आप अपनी वेबसाइट design के हिसाब से जो भी element चुन सकते हैं. सभी Bootstrap components का हिस्सा सभी स्क्रीन के लिए default breakpoints के साथ आता है. कुछ components अपने JS integrate के साथ आते हैं, इसलिए code को edit करने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

    • Modals
    • List groups
    • Alerts
    • Dropdowns
    • Carousel
    • Templates

      आसानी से उपलब्ध templates अनुभवहीन users के लिए बूटस्ट्रैप पर उपलब्ध एक सरल tutorial या demo के बाद एक वेबसाइट बनाना आसान बनाते हैं.

      Browser friendliness

      आज की दुनिया में, लोग अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर सभी प्रकार के devices और browsers का उपयोग करते हैं. Bootstrap अधिकांश browsers के साथ compatible है और यह वेबसाइट और ऐप बनाने में मदद करता है जो हर जगह काम करते हैं.

      निष्कर्ष (Bootstrap in Hindi) Bootstrap दुनिया का पसंदीदा front-end component library बन चुका है. इसका उपयोग करके, आप web पर responsive, mobile-friendly website आसानी से बना सकते हैं. अपने unique ideas को इस्तेमाल करके जल्दी से prototype कर सकते हैं. आप Sass variables, plugins, grid system का उपयोग करके एक संपूर्ण application बना सकते हैं.

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